हनुमान चालीसा - 06
हनुमान चालीसा प्रवचन के छठे दिन, दो अत्यंत सुन्दर प्रार्थनामय दोहों के चिंतन के बाद, अब प्रथम चौपाई में प्रवेश किया गया। चालीसा का प्रांरभ हनुमानजी की जयकार से होता है - 'जय हनुमान'। हनुमानजी आपकी सदैव जय हो। हनुमान जी की जय तो सदैव होती ही रहती है, हम लोग जब जय बोलते हैं तो आशय यह होता है की हमारे लिए आप ही सदैव प्रेरणा के आस्पद बने रहें। आप ज्ञान और गुण के सागर हैं।