हनुमान चालीसा - 11
VMission Podcast - A podcast by Vedanta Mission
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हनुमान चालीसा की इस महत्वपूर्ण छठी चौपाई में हनुमान जी के प्राकट्य के पीछे दैवी और पारिवारिक इतिहास का वर्णन है। किसी भी व्यक्ति के जन्म को कोई सामान्य घटना नहीं समझना चाहिए। इसके पीछे ईश्वर के संकल्प से प्रारम्भ करते हुए अनेकों देवता, हमारे पूर्वज एवं माता-पिता सब का योगदान होता है। यह ही इस चौपाई में दिखाया जा रहा है। हनुमानजी के जन्म की कहानी साक्षात् शिवजी के संकल्प से प्रारम्भ होती है। वे खुद एक वानर के रूप में अभिव्यक्त होना चाहते थे। तो दूसरी तरफ एक वानर-राज केसरी जी थे जो शिवजी के परम भक्त थे। भक्त अपनी भक्ति से अपने भगवन से तन्मय हो जाता है, ऐसे भक्त को ही शिवजी ने निमित्त चुनने का निश्चय किया। तीसरी तरफ अंजना माताजी थीं जिनको बताया गया तहत की जब वे शिव भक्ति से शिवजी की अभिव्यक्ति के लिए निमित्त बनेंगी तब वे अपने पूर्व के श्राप से मुक्त होंगी और भगवत धाम को प्राप्त करेंगी।