हनुमान चालीसा - 16

VMission Podcast - A podcast by Vedanta Mission

हनुमान चालीसा की इस ११वीं चौपाई में हनुमान जी उस प्रसिद्ध लीला की चर्चा करते हैं जिसका चित्र प्रत्येक चित्रकार बना कर हनुमानजी के श्री चरणों में अपनी भावांजलि प्रस्तुत करता है, अर्थात - हाथ में पहाड़ लेकर उड़ते हुए। हमारे लक्ष्मणलालजी मेघनाद के द्वारा छोड़ी गयी प्राण-घातिनी शक्ति के आघात से मूर्छित हो गए थे और रामजी के पुरे शिविर में शोक ले लहर छा गया थी। रामजी भी बहुत शोकाकुल हो गए थे। उन्होंने तो लड़ने की और जीने की इच्छा ही जैसे समाप्त कर दी थी। परिस्थिति अत्यंत नाज़ुक थी। ऐसे समय हनुमानजी पहले तो सुषेण वैद्य को लंका से उठा लाये और फिर असंभव को भी संभव करते हुए हिमालय जा कर रातोरात संजीवनी बूटी सूर्योदय से पूर्व लाकर लक्ष्मण जी की जान बचायी थी। श्री रामजी तो अत्यंत हर्षित हो गए और उन्होंने हनुमानजी को अपने ह्रदय से लगा लिया था। बोलो बजरंगबली की जय।