हनुमान चालीसा - 18
हनुमान चालीसा की १३वीं चौपाई में भी हनुमानजी के अध्भुत कार्य के लिए भगवान श्री राम अपनी हार्दिक प्रसन्नता अभिव्यक्त करते हैं। वे कहते हैं की हे हनुमान तुम्हारी महिमा इतनी अपरम्पार है की कोई एक मुख से तुम्हारी महिमा का बखान नहीं कर सकता है। हज़ार मुँह वाले शेषनाग जी ही आपकी महिमा अपने हज़ार मुँह से बखान करें। ऐसा कहकर प्रभु राम ने पुनः हनुमानजी को अपने गले लगा लिया।